Best Tourist Place Jaipur in Hindi :- राज्य के गुलाबी शहर जयपुर के मुख्य घुमने लायक जगह के बारे में जैसा आप जानते है की राजस्थान राज्य भारत के इतिहास में अहम भूमिका निभाता आया है और भारत देश के ही नही विदेशों से भी बहुत से लोग राजस्थान में घुमने आते है जयपुर एक लोगों के लिए बहुत ही शानदार पर्यटक स्थल बना हुआ है जिसमे बॉलीवुड के एक्टर्स यहाँ की होटल्स में अपना विवाह सम्पन करते है और यहाँ के पर्यटक स्थलों में अपनी फिल्म की शूटिंग भी करते है जिससे देश में ही नही पूरी दुनिया में लोग भलीभांति राजस्थान को जानते है |
यदि आप जयपुर घुमने के लिए आये है तो इन मुख्य जगह पर घूमकर नही आये तो आपका घूमना बेकार चला जायेगा इसलिए इन जगह पर जरूर घूमिये और पूरा अपनी यात्रा का आनन्द ले तो आज मैने इस पोस्ट के जरिये गुलाबी शहर के प्रमुख पर्यटक स्थलों के बारे में आपको जानकारी दिया हु आप इससे जरूर ध्यान से पढिये और अपनी यात्रा को सफल बनाए जो इस प्रकार है –
हवा महल (Best Tourist Place Jaipur in Hindi ) –
हवा महल को पैलेस ऑफ़ विंड्स के नाम से दुनिया भर में जाना जाता है | हवा महल का निर्माण महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने 1799 ईस्वी में करवाया था | हवा महल विश्व भर का सबसे ऊचा महल माना जाता है | हवा महल भारत देश के राजस्थान राज्य के जयपुर जिले में बसा हुआ है | हवा महल का नाम रखने के पीछे भी मुख्य कारण है -हवा महल का नाम इसलिए रखा गया था की महल में रह रही रानी और महिलाओं के लिए बहुत ऊची दिवार का निर्माण करवा दिया गया ताकि महल के बाहर शहर में हो रहे उत्सव को वो देख सके |
हवा महल की ऊचाई 5 मंजिला मकान के बराबर है जिसमे 953 खिड़कियों का जिक्र किया जाता है हवा महल को लाल चंद के द्वारा डिज़ाइन तेयार की गयी थी |हवा महल देश भर में एक ऐसा महल है जो सिर्फ मुग़ल और राजपूत स्टाइल में बना हुआ है | यह महल भारतीयों के लिए ही नही बल्कि विदेशियों के लिए एक टूरिस्ट प्लेस के साथ – साथ मूवी बनाने का स्रोत बना हुआ है |जयपुरवासी के लिए हवा महल गर्मी के मोसम के समय के लिए अच्छा स्रोत बना हुआ है | हवा महल गुलाबी और लाल रंग के पथरो से हवा महल का निर्माण किया गया हुआ है |
हवा महल खुलने का समय :- हवा महल का खुलने का समय सुबह से 9 बजे से शाम 4:30 बजे तक रखा गया है |
1 . हवा कब बनाया गया था ??
Ans – 1799 में
2 . हवा महल कितनी मंजिल का है ??
Ans – भगवान कृष्ण के मुकुट का आकार का 5 मंजिला है |
3 . हवा महल में कितने दरवाजे है ??
Ans – हवा महल के दो दरवाजे है जिनका नाम आन्दपोल और चांदपोल है |
4 . हवा महल बनाने का क्या उद्देश्य है ??
Ans – हवा महल बनाने का एक ही उदेश्य रहा है की गर्मियों के समय में ताजी और शुद्ध हवा मिल सके और महल के बाहर के कार्यक्रम को महल की महिलाए बिना बाहर जाये महल से ही देख सके |
5 . हवा महल को किसने बनाया था ??
Ans – हवा महल का निर्माण 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था |
सिटी पैलेस – (Best Tourist Place Jaipur in Hindi )
सिटी पैलेस का निर्माण दो आर्किटेक्ट ने डिज़ाइन किया था | इसका निर्माण आमेर पर 1699 से 1744 तक महाराजा सवाई जय सिंह दितीय ने इस महल परिसर का निर्माण करवाया था |लेकिन 1727 में आमेर में पानी की समस्या और तेजी से लोगो की बढोतरी होने के कारण सवाई जय सिंह आमेर से जयपुर शिफ्ट हो गये थे उन्होंने पहले इसके चारो तरफ की दिवार का निर्माण करवाया था |सिटी पैलेस इस प्रकार से निर्मित किया गया है इसके चारो और पूरा जयपुर की बसावट हुई है और इससे पिंक सेंड स्टोन और लाल पथराव से निर्मित किया गया है |
सिटी पैलेस की बनावट इस प्रकार की गयी है की हर इंसान का मन मोहक लेती है | वर्तमान में सिटी पैलेस को जयपुर के रजा सवाई माधो सिंह को दे दिया गया है और इससे एक म्यूजियम में बदल दिया जिसमे कई बनारसी साड़ीया और शोल के साथ कई शाही ड्रेस का प्रदर्शन किया गया हुआ है |सिटी पैलेस में महराजाओ से जुड़े चीजो को सम्भालकर रखा गया हँ जहा पर इन्हें देखने के लिए भारत के अलवा विदेशी भी आते है | जिससे पर्यटक आवागमन बढता है जिससे जयपुर वासियों की आमदनी में बढोतरी होती रहती है |
सिटी पैलेस के मुख्य द्वार पर दो बड़े हाथी खड़े किये हुए है जिनको देखकर ये महशुस होता है की ये हाथी इनकी देखभाल करते है |सिटी पैलेस म्यूजियम को महाराजा सवाई मन सिंह 2 म्यूजियम ट्रस्ट के नाम से भी जाना जाता है | इस संग्राहालय में और कई काम्प्लेक्स बने हुए है जिनका नाम इस प्रकार है -चन्द्र महल , मुबारक महल , सभा निवास ,प्रतिम चोंक आदि बहुत ही शानदार निर्मित किये गये है जो हर पर्यटक का मन को मोहक लेते है |
सिटी पैलेस खुलने का समय – इसका खुलने का समय सुबह 9:30 से शाम के 6 बजे तक रहता है और इसमें फीस देनी होती है गुमने के लिए |
आप इसमें अच्छे से देखना चाहते है तो आपको कम से कम 3 घंटे का समय निकलना पड़ेगा | इसकी प्रवेश शुल्क इस प्रकार है –विदेशियों के लिए 400 रूपये कैमरे के साथ आपको प्रवेश करने दिया जायेगा |भारत के निवाशियों के लिए 230 रूपए एक इंसान के |भारतीय सेना के लिए 220 है और बूढ़े इंसान के लिए 220 ही है |आपको इस संग्राहालय में एक किताब दी जाती है जिससे आप इसकी अच्छे से जानकारी ले सकते है जिससे इसके पुरे इतिहास का जिक्र किया गया है | इस म्यूजियम में सिर्फ गाइड का काम वही लोग करते है जिन लोगो की पीढयो में से इन शाही राजाओ की सेवा की थी |
1 . सिटी पैलेस का दूसरा नाम क्या है ?
Ans – सिटी पैलेस 7 मंजिला ईमारत है इसके प्रत्येक मंजिल को सुख -निवास , पीतम निवास , चाबी निवास , श्री निवास ,मुकुत निवास जैसे नामों से भी जाना जाता है |
2 . सिटी पैलेस का वास्तुकार कौन था ?
Ans – इसका वास्तुकार विधाधर भट्टाचार्य है |
3 . सिटी पैलेस कहा है ?
Ans – ये राजस्थान राज्य के गुलाबी शहर जयपुर भारत देश में बना हुआ है |
4 . सिटी पैलेस के मुख्य द्वार पर हाथी किस पत्थर से बने हुए है ?
Ans – इसके मुख्य द्वार पर बने हाथी भूरे संगमरमर से बने हुए है |
5 . इसका खुलने का क्या समय रहता है ?
Ans – सिटी पैलेस 7 दिवस चालू रहता है ये सुबह 9:30 से लेकर 6 बजे तक खुला रहता है |
आमेर किला (Best Tourist Place Jaipur in Hindi )
जयपुर शहर से करीब 10 किलोमीटर की दुरी पर बसा आमेर किला राजस्थान के हिन्दू और राजपुताना शेळी द्वारा निर्मित करवाया गया है | इस किले की खास बाt की इससे बाहर से देखने पर ये मुगलों की वास्तु शेळी से दीखता है लेकिन अंदर से देखने पर ये राजपूत शेळी में बना हुआ है |आमेर किले का निर्माण राजा मानसिंह , राजा सवाई जयसिंह और मिर्जा जयसिंह ने इसका निर्माण करवाया था जो 16 वी शदी में बना दिया था |
आमेर किले की पुरानी इतिहास पर एक नजर डाले तो आमेर सूर्यवंशी कछवाहो की राजधानी रह चुकी है जिसका निर्माण मीनास नामक जनजाति के द्वारा किया गया था इस किले को लेकर लोगों का अलग -अलग मानना है की आमेर भगवान शिव के नाम पर रखा गया है लेकिन दूसरी तरफ लोगो का कहना है की इस किले का नाम माँ दुर्गा , के नाम पर रखा गया है |जयपुर के इस आमेर किले में पर्यटक मुख्य द्वार जो पूर्व की दिशा में बना हुआ है वहा से अंदर की और जाते है , इस द्वार को सूर्ये द्वार भी नाम दिया हुआ है |
आमेर किले के अंदर कुछ दुर्ग बनाए हुए है जो इस प्रकार है –
- दीवान -ए – आम
- सुख -निवास
- शीशमहल
- चाँद पोल दरवाजा
- गणेश पोल
- दिल आराम बाग
- देवी शिला माता का मंदिर |
आमेर किले में रोजाना शाम को लाइटिंग और साउंड शो का आयोजन किया जाता है जिससे आये हुए पर्यटक इतने मशगुल हो जाते है की वापस आने को तैयार ही नही होते है और होना भी जायज है क्योकि ये मन को इतना मोहक लेता है की हर इसान का मन पिघल जायेगा |आमेर किला पर्यटक के साथ – साथ फिल्म सूटिंग के लिए बहुत फेमस है में आपको बता दु बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपनी “आवाज “ फिल्म की शूटिंग थी | जो इस आमेर किले में बहार से आये पर्यटक ये शो देखते है जिसकी टिकट भी लेनी पडती है जिससे शाम के समय इतना सुनहरा वातावरण लगता है |
आमेर किले के जाने के लिए यदि कोई भी पर्यटक एयरपोर्ट से आते है तो वहा बहुत सारी प्राइवेट कार , बस , ऑटो आदी खड़े होते है जो आपको सीधा आमेर किले के निचे उतरेंगे या इसके अलावा भी बहुत सारे साधन मिल जायेंगे आपको बस ये उनके समाने जिक्र करना हिया की मुझे आमेर किले तक जाना है वो आपको सही दाम में आमेर तक पहुचा देंगे |आमेर किले के अंदर बहुत सारे गाइड वाले पर्सन मिल जायेंगे जिससे आप इस किले की पूरी जानकारी ले सकते हो |
1 . आमेर का पुराना नाम क्या है ?
Ans – प्राचीन काल में आमेर को अम्बावती , अमरपुरा और अमरगढ़ के नाम से जाना जाता था |
2 . आमेर का शासक कौन था ?
Ans – 1700 से 1743 तक सवाई जय सिंह 2 का राज चलता था |
3 . आमेर कहा स्थित है ?
Ans – आमेर किला गुलाबी नगर जयपुर जिले राजस्थान राज्य में बना हुआ है |
4 . आमेर किला किस वजह से जाना जाता है ?
Ans – आमेर किला जो जयपुर जिले में अरावली पहाड़ी पर बसा हुआ है वो अपनी वास्तुशिल्प कला की वजह से जाना जाता है |
5 . आमेर किला का निर्माण किन पत्थरों से हुआ है ?
Ans – आमेर किला के निर्माण में पीले बलुआ पत्थरों को काम में लिया गया है |
बिरला मंदिर (Best Tourist Place Jaipur in Hindi ) –
लोगों की कहावत के अनुशार सन 1904 में भगवान लक्ष्मी नारायण के भक्त संत रामानुज दास ने यहाँ पर एक छोटा सा मंदिर का निर्माण किया था | विशालकाय बिरला मंदिर बना दिया गया है |बिरला मंदिर के बारे में कहा जाता है की बिरला परिवार ने 1 रूपए में महाराजा से खरीदा गया था |बिरला मंदिर में कोई प्रवेश का शुल्क नही है आप फ्री में प्रवेश कर सकते है लकिन इस मंदिर के अंदर की फोटोज आप नही ले सकते है क्योकि वहा फोटोज लेना मना किया गया हुआ है |
बिरला मंदिर में जाने का अच्छा समय अक्टूबर से लेकर मार्च – मई महीने तक आप जाकर आनन्द ले सकते हो |बिरला मंदिर का निर्माण मोती डूंगरी किले के निचे की तरफ किया गया है जिसका निर्माण शुद्ध सफ़ेद मार्बल से आधुनिक शिल्प के हिसाब से ध्यान रखकर बनवाया गया है |बिरला मंदिर में दोनों देवताऔ की मूर्ति को बहुत ही सुंदर तरीके से निर्मित किया गया है |कहा जाता है की जयपुर में जिस जिस जगह पर मंदिर का निर्माण करवाया गया है उस जगह को महाराजा ने सिर्फ 1 रूपये की राशी में दिया हुआ है |
बिरला मंदिर में कुल तीन मूर्ति है जिसमे लक्ष्मी – नारायण और भगवान गणेश की मूर्ति है |मंदिर में जाने के लिए सफेद मार्बल की सीढ़ियों भी बनाई गयी है मंदिर जीतना अंदर से सुंदर है उसी प्रकार बाहर से भी इतना ही प्यारा है वहा रोड पर गुजरने वाले हर इंसान का मन को अपनी और खीचता है |मंदिर के अंदर बहुत सारे देवी – देवता की कला बनाई हुई और इसकी पूरी दिवार पर विद्वानों की पैन्टिन्ग और उनके बारे में जिक्र लिखा हुआ है जिससे विदेशियों को भारत की कला और संस्क्रति को बताती है |
बिरला मंदिर का खुलने का समय – रोजाना सुबह 8 बाजे से दोपहर के 12 बजे तक रहता है और शाम को 4 बजे से लेकर 8 बजे तक खुला रहता है |बिरला मंदिर के बाहरी साइड में बहुत अच्छे – अच्छे पेड़ लगाये हुए है जिससे गर्मी में पर्यटक को शांति प्रधान करती है जो एक स्वर्ग से कम महसूस नही होता है |
नाहरगढ़ किला (Best Tourist Place Jaipur in Hindi ) –
नाहरगढ़ किला राजस्थान के जयपुर शहर के अरवाली पर्वतमाला पर बसा हुआ एक पुराना किला है जो गुलाबी शहर की सुरक्षा करता है |नाहरगढ़ किला महज सिटी से 15 किलोमीटर की दुरी पर पहाड़ की छोटी पर बसा हुआ है जो शहरी को सुरक्षा प्रदान करने में सहयता प्रदान करता है |इस किले का निर्माण भी सवाई जयसिंह 2 ने बनवाया था इस किले पर किसी का अधिकार तो नही हुआ लेकिन फिर भी ये राजस्थान के एतिहाशिक में अपना पूरा योगदान निभाया हुआ है |
नाहरगढ़ किले के चोरो तरफ बहुत बड़ी दिवार बनाई हुई है जो कहा जाता था की आमेर की राजधानी हुआ करती थी |सन 1847 की बात है है उस समय भारत विद्रोह के समय ब्रिटीशो की पत्नियों को इस किले में सुरक्षा के तौर पर शरण दी थी |बाद में अप्रैल १९९४ में जयपुर सरकार इसका उपयोग अपने काम के लिए शुरू कर दिया था | जिसमे पर्यटकों के साथ – साथ फ़िल्मी जगत के लिए भी बेस्ट माना गया है इसमें बहुत सारी फिल्मो की शूटिंग आये दिन होती रहती हैजैसे – बेस्ट लोकप्रिय फिल्म हिन्दी फिल्म “रंग दे बसन्ती और शुद्ध देसी रोमांस और सोनार फिल्म के कुछ हिस्से यहाँ के ही शामिल थे |
19 वी शताब्दी में राजा सवाई राम सिंह और सवाई माधो सिंह ने इस किले के अंदर के भवनों का काम करवाया था जिससे देश भर के ही नही विदेसियो के लिए भी ये किला उनके मन को मोहक लेता है | इस किले से सूर्यास्त का नजारा आप के दिल को चिर देने वाला दिखाई पड़ता है |जिससे देखने के लिए शाम के समय लोगो की भहमेशा रहती है नाहरगढ़ को भुतियो का घर भी कहा जाता है क्योकि माना जाता है की इसमें रात के समय में कोई प्रेमात्मा का निवास होता है | पहले भी जब इसका निर्माण का काम करवा रहे थे तो दिन का काम किया हुआ दुसरे दिन बिगड़ जाता था और कई बार मजदूरो को प्रेमात्मा दिखाई भी पड़ती थी | जिससे पेरशान होकर पंडितो और तांत्रिक विधा से यहाँ नाहर सिंह भोमिया मंदिर का निर्माण करवाया गया था इसलिए पहले किले का नाम सुदर्शनगढ़ था जिससे बदलकर बाद में नाहरगढ़ किला रखा गया है |
1 . नाहरगढ़ का दूसरा क्या नाम था ?
Ans – पहले इसका नाम सुन्दर्गढ़ं था जिससे बदलकर नाहरसिंह भोमिया मंदिर के नाम पर इसका नाम नाहरगढ़ किया गया है |
2 . नाहरगढ़ के राजा कौन थे ?
Ans – नाहरगढ़ पर कभी किसी ने आक्रमण नही किया इसलिए इस किले का विस्तार राजा सवाई राम सिंह का था बाद में 1883 के बाद सवाई माधो सिंह ने नाहरगढ़ के अंदर कई महलों का निर्माण करवाया था |
3 . नाहरगढ़ को भूतों का किला क्यू कहा जाता है ?
Ans – जब इसका निर्माण के समय मजदूरो को इसमे भटकती प्रेमात्मा दिखाई पडती थी जिसके लिए यहाँ भोमिया का मंदिर बनवाया गया था उसके बाद कभी किसी को यहाँ प्रेमातामा नजर नही आती लेकिन आज भी 6 बजे बाद जाना बंद कर रखा है |
4 . नाहरगढ़ कब खुला रहता है ?
Ans – नाहरगढ़ किलो दर्शको के लिए सुबह 10 बजे से शाम को 6 बजे तक खुला होता है |
5 . नाहरगढ़ कहा स्थित है ?
Ans – नाहरगढ़ जयपुर शहर में अरावली पर्वतमाला की चोटी पर बसा हुआ है |
जयगढ़ किला (Best Tourist Place Jaipur in Hindi ) –
जयगढ़ किला जयपुर शहर से महज 10 किलोमीटर की दुरी पर चील का तेला नामक पहाडियों पर बसा है जिससे पूरा गुलाबी शहर को आराम से देखा जा सकता है |जयगढ़ किले का निर्माण सवाई जय सिंह 2 ने बनाया था | में आपको बता दु उस समय सवाई जयसिंह ही जयपुर के राजा थे और जितने भी किले है उनके द्वारा ही निर्माण करवाया गया है और उनके बाद जयपुर सरकार के द्वारा उनका रखरखाव किया जाता है | जयपुर के पूर्वजो से सुनने का मिलता था की जयगढ़ एक किला ही नही था इस किले में इतना खजाना मिला था जिससे जयपुर शहर का विकास किया गया “ ये बात हर किसी को ऐसा ही लगता है लेकिन इस किले के खजाने से जयपुर के विकास में नही लिया इसका अभी तक पता नही चला की इसका खजाना गया कहा |
जयगढ़ में विश्व की सबसे बड़ी तोप रखी गयी है जिसका नाम ‘जयवाना’ नाम रखा गया है जिसको देखने के लिए बाहरी लोगों का आवागमन चालू ही रहता है | जयगढ़ की ऊचाई 500 मीटर है और अभी के समय में इसका देखभाल और नियंत्रण राजस्थान सरकार के हाथों में है जो इसका समय – समय पर इसकी मरमत्त भी करवाते रहते है |जयगढ़ के निर्माण के समय लाल बलुवा पत्थर का उपयोग में लिया गया था जो आज भी इतना मजूबती है की ऐसा लगता ही नही की ये गढ़ सालों – साल पहले का बना हुआ है |
जयगढ़ में एक बहुत सुंदर और प्यारा बड़ा सारा महल परिसर बना रखा है जिसमे बहुत सारे मंदिर बना रखे है जो इस प्रकार है – 1 .अराम विलास 2.ललित मंदिर 3 .लक्ष्मी विलास , 4 विलास मंदिर 5 . मंदिर 6 . म्यूजियम 7 .दीया बुर्ज आदि ये इस जयगढ़ में देखने के लिए बहुत अच्छे है बाकि आप इस किले में जरुरु घूमकर आईये ताकि हमारे इतिहास को हम जान सके |
1 . जयगढ़ में रखी तोप का वजन कितना और क्या नाम है ?
Ans – जयगढ़ में रखी तोप का नाम जयवाना और इसका वजन 50 टन के लगभग है |
2 . जयगढ़ का निर्माण कब हुआ था ?
Ans – जयगढ़ किले का निर्माण ई . 1726 में |
3 . जयगढ़ की वास्तुकला कैसी है ?
Ans – जयगढ़ किला बलुवा पत्थर से बना हुआ है इसकी दीवारे 3 किलोमीटर तक लम्बी और चौड़ाई लगभग 2 किलोमीटर तक फैली है |
4 . किले में कितने मंदिर है ?
Ans – जयगढ़ में 2 पुराने मंदिर है 1 . 10 वी शताब्दी में बना राम के लिए राम मंदिर और 12 वी शताब्दी में बना काल भैरव मंदिर |
5 . जयगढ़ किला कहा स्थित है ?
Ans – जयगढ़ का किला राजस्थान के जयपुर शहर में बसा हुआ है
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दोस्तों मैने आज की पोस्ट में जयपुर शहर के मुख्य पर्यटक स्थलों के बारे में जानकारी दिया ही आप भी अपने पुरे परिवार के साथ जयपुर के इन स्थलों पर जाकर घूमकर आईये | में आपको एक राय दूंगा की यदि आप या आपके दोस्त जयपुर घुमने का मन बना रखे हो तो ये पोस्ट को उन तक जरूर शेयर करियेगा ताकि वो इन स्थलों पर जाकर जयपुर का इतिहास जन सके |
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