Bhande Balaji Pulera : जयपुर से महज 45 किलोमीटर की दुरी पर महला बोराज-फुलेरा रोड पर स्थित बंधे के बालाजी मंदिर नाम से विशाल मंदिर है | इस मंदिर में हुनमान जी की आस्था बनी हुई है | इस मंदिर में आस -पास के सुबह शाम आरती के समय आते ही है लेकिन दूर – दराज से लोग हुनमान जी के दर्शन करने आते है |
Bhande Balaji Pulera बन्धे के बालाजी मदिर का इतिहास
बताया गया है की इस मंदिर में बन्धे के बालाजी की मूर्ति लगभग 1752 से स्थापित की गयी है | इस मूर्ति को एक बंजारा परिवार द्वारा लाया गया था | इसका इतिहास ऐसा रहा है की यहाँ से लगभग 30 किलोमीटर की दुरी पर सांभर झील बनी हुई है जहा से बंजारा नमक लाया करते है और इस रास्ते पर वो रुककर आराम किया करते थे क्योकि उनको ये जगह बहुत ही सुखदायक लगती थी |
एक बार एक बंजारा के पास हुनमान की मूर्ति थी उसने उस मूर्ति को निकालकर यहाँ रखकर सो गयी जब सुबह वप उठकर मूर्ति को अपने ले जाने के लिए उठाये तो मूर्ति उन से हिली ही नही तो उन्होंने इस मूर्ति को यहाँ ही छोड़ दिया और उसी रात में बंजारा को सपने में बात महूसस किया की भगवान बन्धे के बालाजी कह रहे है हे बंजारे मुझे यही रहना है मुझे यहाँ से दूर मत करो उसके बाद इस प्रतिमा को यही विराजमान किया तब से यही स्थान को बन्धे के बालाजी के नाम से जाना जाता आया है |जब उस बंजारे ने मूर्ति को स्थापित किया तो उसने द्देखा की उसकी माँ जो अंधी थी उसको दिखाई देने लगा उस चमत्कार को देखकर वो समझ गया की भगवान् का विचार जो मेरे मन में आया वो एक दम सत्य है | तब से लेकर यह मंदिर को बन्धे बालाजी के नाम से जाना गया |
Bhande Balaji Pulera बन्धे बालाजी का मेला
हर वर्ष ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार को इस स्थान पर बहुत बड़ा मेले का आयोजन किया जाता है इस मेले के शुरू होने की भी कहानी आपको बताते है इस कहानी का जिक्र वहा के पुजारी ने किया की एक बार मंदिर में स्थापित मूर्ति ने अपने आप सिन्दूर लगा लिया था तब किसी संत ने कहा की इस स्थान पर मेले का आयोजन करवाए तब से यहाँ मेले का आयोजन किया जाता है तब से मेला धीरे – धीरे बढता गया और आज के समय में इतना विशालकाय मेला लगता है जिसमे स्थानीय लोगो के साथ – साथ दूर दराज से लोग यह माथा टेकने आया करते है |
Jobner Jwala Mata :- जोबनेर ज्वाला माता का सम्पूर्ण इतिहास की जानकारी हिंदी में
बन्धे के बालाजी की बनावट एक सामान्य तरीके से की गयी है जिसमे पत्थर और सीमेंट से बनाया गया है | मंदिर के अंदर को कांच से सुसज्जित किया गया है और मंदिर के अंदर ही दर्शन करने के लिए रेल्लिंग लगाया गयी है ताकि दर्शको को दर्शन करने में परेशानी न हो |
मंदिर परिसर में बड़ा हॉल
मंदिर के बाहर बड़ा हाल है जिसमे श्रदालु विश्राम करते है और आरती के मदिर में जगह कम पड़ने के बाद श्रदालु हॉल के अंदर ही आरती करते है |
सभी समाज की धर्मशालाए Bhande Balaji Pulera
मंदिर के स्थानीय लोगो का धार्मिक केंद बना हुआ है जिसकी वजह से यहाँ हमेशा प्रसादी का कार्यक्रम ज्यादा रहता है जिसकी वजह से यहाँ सभी समाज अपनी – अपनी धर्मशालाए बना रखा अहि ताकि वो यहाँ रुकर रात का जागरण और सुबह प्रसादी का कार्यक्रम को अच्छे से कर सके |
हनुमान जी और शिव जी प्रतिमा
मंदिर के परिसर के बाहर की तरफ विशाल हनुमान जी और शिव जी की प्रतिमा बनाई गयी है क्योकि मंदिर के सामने एक प्राचीन मंदिर भी स्थित है जिसमे शिवालय और साथ में साईं बाबा , सीता राम और अन्य नों ग्रह देवता के मंदिर है |
यह परिसर शादी के फोटोशूट के लिए एक दम परफेक्ट जगह है | यहाँ एक गार्डन बना हुआ है जिसमे हरियाली अच्छी होने के कारण यहाँ लोग विश्राम करते है और शांन्ति की अनुभूति प्राप्त करते है |
मंदिर में कैसे पहुचें Bhande Balaji Pulera
यदि आप लोग स्थानीय हो तो आप फुलेरा और जोबनेर से आने वाली रोड बोराज से फुलेरा रोड पर स्थित है |
- सड़क – जयपुर से मंदिर की दुरी महज 50 किलोमीटर है आप बाहर से आ रहे है तो आप सीधा जयपुर रेलवे स्टेशन आये वहां से प्राइवेट टेक्सी और बसे चलती है जो आपको बन्धे बालाजी उतार देगी |
- ट्रेन – आप जयपुर या फुलेरा जक्शन उतरे वहा से आप को ऑटो , बस , कार , टेक्सी मिल जाएगी जो आपको मंदिर तक पहुचा देगी |
- एयरपोर्ट – आप यदि जयपुर से बाहर से आ रहे है तो आप सांगानेर हवाई अड्डे पर उटकर ट्रेन या सड़क मार्ग द्वारा आ सकते हों |
इस दिन से खाटू श्याम बाबा का मेला शुरू होने वाला है तैयारियाँ कर ले आप भी