नमस्कार दोस्तों आपका गणेश ऑफिसियल में आपका स्वागत है आज के इस लेख में हम बात करने वाले है “ दुर्ग और किला “ ( Dhurgh or Kila Me Antar ) के बारे में | असल में ये दोनों ही राजा को अपने शत्रुओं से और राज महल को हानि पहुचने से बचाते है |
लेकिन लोगों के मन में यही होता है की दुर्ग और किला एक ही होता है और चाहे दुर्ग कह लो , चाहे किला कह लो . लेकिन में आपको बता दु की ये एक नही है इन दोनों में अंतर भी है और दोनों का निर्माण की विधि भी अलग है और दोनों को अलग – अलग उद्देश्य के लिए बनाया गया है |
आज के इस विषय में आपको दुर्ग और किला के बारे में पूरी जानकारी दूंगा और साथ में राजस्थान के किलो और दुर्ग ( Dhurgh or Kila Me Antar ) के बारे में भी जानकारी दूंगा |
इसलिए आप ध्यानपूर्वक इस लेख को अच्छे और ध्यान से पढ़िये ये चीज आपके बहुत काम आ सकती है | इस लेख को पढने के बाद अब को अच्छे से पता चल जायेगा की दुर्ग और गढ़ में क्या अंतर ( Dhurgh or Kila Me Antar) है |
दुर्ग और किला दोनों एक दुसरे के पर्यावाची शब्द है दुर्ग संस्क्रत भाषा से लिया गया है और गढ़ अरबी भाषा से लिया गया है |
दुर्ग और किला में अंतर ( Dhurgh or Kila Me Antar) –
दुर्ग और किले में अन्तर ( Dhurgh or Kila Me Antar ) को समझना बहुत ही जरुरी है क्योकि इसमें थोड़े से अंतर की वजह से लोग इनका अर्थ दोनों का एक ही समझते है लेकिन में बता दु दोनों का अर्थ अलग – अलग है और दोनों को अलग – अलग उधेश्य के लिए बनाया जाता था |
दुर्ग (Dhurgh or Kila Me Antar )
दुर्ग संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ है की आसानी से नही जा पाना | दुर्ग मुख्यतः किला का ही एक हिस्सा होता है | दुर्ग का जब निर्माण किया जाता है तब ये कुछ बात ध्यान में रखकर किया जाता है
- कोई भी इंसान उस पर चढ़कर नही आ सके |
- दुर्ग की दिवार मोटी और चौड़ी मजबूत पत्थरो से बनाई जाती है |
- दुर्ग के अन्दर रह रहे राजा , सिपाही , सेना आदि को बाहरी सेना और दुश्मनो से उनकी रक्षा करता है |
- दुर्ग के दिवार को इतना मजबूत बनाया जाता है दुश्मनों की तोपों से भी वो दिवार ना टूटे |
- किले की बाहरी दिवार को दुर्ग कहा जाता है |
किला (Dhurgh or Kila Me Antar )
किला का लोग गढ़ और कोट के नाम से भी जानते है | किला मुख्यत राजा , सिपाही और अन्य सेना की सुरक्षा के लिए बनाया जाता था | पहले के समय टेक्नोलॉजी ना होने के कारण किला को ही सबसे सुरक्षा का हथियार माना जाता था |
इसलिए पहले के समय में किले बहुत बड़े और मजूबत और लम्बाई में कई किलोमीटर से बनाया जाता था | ताकि जिससे राजा और राजा की सेना अच्छे से रह सके और दुश्मनों से अपना बचाव कर सके |
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राजस्थान के किले –
भारत में छोटे – बड़े किले तो बहुत बने है जिनकी गणना में आपको नही बता रहा हु लेकिन यदि आप भारत के इतिहास में रूचि रखते हो तो में भारत के प्रमुख किलो राजस्थान में ही बने है जिनके बारे में आपको बताऊंगा |
यदि आप कोई ब्लॉगर या आप ट्रेवल्स के फील्ड हो तो आप इन राजस्थान के प्रमुख और बड़े किलो का दौरा जरूर करे |
राजस्थान के प्रमुख किले –
1 . मेहरानगढ़ किला –
ये किला राजस्थान की शान माना जाता हिया मेहरानगढ़ किला राजस्थान के जोधपुर जिले में बना हुआ है | मेहरानगढ़ किले को बने महज 550 वर्ष से भी ज्यादा हो गया है | इस किले के दरवाजे इस प्रकार बनाये गये है जब भी यहाँ के राजा जीत हासिल करके आये है तब दरवाजे का निर्माण किया जाता था |
2 . चित्तौड़गढ़ का किला –
ये किला भी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है इस किले की खास बनावट की गयी थी जिसमे 7 प्रवेश द्वार बनांये गये थे जैसे की पैदल द्वार , भेरव द्वार , हनुमान पौल , राम पोल , गणेश पोल , और जोली पोल बनाया गया था जो राजपूत वंस के लिए बहुत ही मायने रखने वाली बात थी | ये किला समतल जगह पर ना बनाकर उससे पहाड़ पर बनाया गया है | इस किले को भारत का सबसे रहस्यमय किला कहते है |
3 . सोनार किला –
सोनार किला भी राजस्थान के जैसलमेर जिले में बना है | इस किले में कुल 99 गढ़ बने हुए है जिनमे से 92 गढ़ों का निर्माण 1947 से पहले ही हो गया था | सोनार किला जैसे की अपने नाम से ही इस कीने ने अपनी खासियत लोगों को पता चल जाती है |
इस किले का नाम सोनार किला रखने के पीछे की ये वजह थी की जब सूरज उदय होता है और जब सूरज की किरणें सीधे इस किले पर पड़ती थी तो ये किला सोने की तरह लोगों को दिखाई देता है इसलिए इस किले को सोनार किले के नाम से ही जानने लगे |
4 . कुम्भलगढ़ किला –
कुम्भलगढ़ गढ़ भी राजस्थान के राजसमंद में ऊची पहाड़ी पर बसा हुआ है और उसके आस – पास ढलान वाली जगह को जलाशय में बदल दिया | इस किले का निर्माण महाराणा कुम्भा ने बनवाया था | इस किले पर आज तक किसी ने जीत हासिल नही कर पाया |
इस किले की 2 प्रमुख बाते है पहली इस किले की दिवार विश्व की सबसे बड़ी दिवार है जो की 36 किलोमीटर तक लम्बी और मजबूत बनाई गयी है | कहा जाता है की ये दिवार इतनी चोडी है आप यदि 5 घोड़े को दोडा सकते है | दूसरी इस किले में सबसे ज्यादा मंदिर 350 के लगभग मंदिर बने है |
5 . आमेर का किला –
आमेर का किला अपनी बनावट के लिए आज पर्यटकों के लिए एक पर्यटक स्थल बन गया है | आमेर किला राजस्थानकी राजधानी जयपुर ( पिंक सिटी) में एक पहाड़ पर बना एक दुर्ग है | कहा जाता है की आमेर का किला बनने से पहले यहाँ मीणा जनजाति के लोग निवास करते थे जिनको यहाँ के राजा अपने अधीन करके ये दुर्ग का निर्माण करवाया |
इस किले के नीचे के हिस्से में एक तालाब है जिससे इस किले की रौनक में 4 चाँद लगा देता है और ये किला आज जयपुर के लिए एक बहुत अच्छा और बड़ा पर्यटक स्थलों में से एक है |
सार –
इस लेख में हमने जाना की किले और दुर्ग में क्या अंतर (Dhurgh or Kila Me Antar ) होता है | यदि आपको ये लेख अच्छा लगा हो त्यों शेयर करिएगा और आपके लिए ऐसे ही लेख और लिखता रहूँगा |
FAQ
1 . राजस्थान के किले कितने है ?
Ans – राजस्थान के 6 किलो को 2013 में UNESCO विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है |
2 . UNESCO ने किन 6 किलो को शामिल किया गया है ?
Ans – 1 . जयपुर का आमेर किला 2 . कुभलगढ़ किला
3 . चित्तोडगढ किला 4 . रणथन्भोर किला 5 जेसलमेर किला 6 . गागरोन किला |
3 . राजस्थान में हुंकार तोप कहा रखी जाती है ?
Ans – ये तोप जयपुर के जयगढ़ में रखी हुई है | ये तोप एशिया की सबसे बड़ी तोप है क्योकि कहा जाता है इस तोप से निकले गोले से शहर से 40 किलोमीटर दूर एक तालाब बन गया था जो आज भी और लोगों की प्यास बुझा रहा है |
4 . राजस्थान का सबसे फेमस किला कौनसा है ?
Ans – राजस्थान में सबसे अच्छा किला यूनेस्को ने चित्तोडगढ का किला बताया है |
5 . आमेर किला का पुराना नाम क्या है ?
Ans – प्राचीन काल में आमेर को अम्बावती , अमरपुरा और अमरगढ़ के नाम से जाना जाता था जो बाद में इसे आमेर का नाम दिया गया |