नमस्कार दोस्तों , pichkari ke bare me janiye आज के इस लेख में आपका स्वागत है आज हम एक ऐसा लेख लेकर आये है आपके लिए जो आप उसके बारे में जानते भी और काम में भी लेते हो लेकिन उसका रहस्य नही जानते होंगे |
आज इस लेख में बात करेंगे होली खेलने के लिए काम में ली जाने वाली पिचकारी के बारे में | पिचकारी को हमने बहु बहुत काम में लिया होगा जब छोटे बच्चे थे तब अब बड़े हो गये थोड़े शौक कम हो गये तो शायद अब हम सब नही खेलते है लेकिन आज भी हम अपने बच्चो के लिए तो पिचकारी ही लाते है तो में आज आपको इस पिचकारी की ही कहानी बताउंगा की इसको क्यों काम में लिया जाता है और इसका अर्थ क्या होता है –
पिचकारी का अर्थ (pichkari ke bare me janiye) –
1 . किसी एक प्रकार का नलदार पाइप जिसके आगे के शिरे पर छोटे – छोटे छिद्र बने होते है जिससे कोई भी तरह पदार्थ को फुक मारकर या दबाव देकर उस तरल पदार्थ को बाहर फेका जाता है |
2 . किसी भी चीज से जोर से निकलने वाली कोई भी तरल पदार्थ की धार |
पिचकारी की संज्ञा देखी जाये तो इसको स्त्रीलिंग संज्ञा दिया गया है |
पिचकारी की शुरुआत कब और कहा से हुई –
पिचकारी को इंग्लिश में यदि देखा जाये तो “ वाटर गन ‘इस वाटर गन का आविष्कार अमेरिका के एक मशुहुर इंजिनियर , लोनी जौनसन ने किया था | और ये खिलोने वहा लारामी कारपोरेशन ऑफ़ माउन्ट लोरेल द्वारा किया जाता था | सुपर सॉकर की सफलता देखकर बाकि अमेरिका की कंपनियो ने भी प्लास्टिक के खिलोने तेयार करने लगे |
अमेरिका में पिचकारी से पहले प्लास्टिक शूटर गन वहा के बच्चो का गर्मियों का अच्छा खेल था | पिचकारी से पहले जितने भी खिलोने थे वो पानी की धार को कम दुरी तक और उससे बार – बार दबाना पड़ता था | इसलिए उन्होंने पिचकारी जेसे खिलोने को बन्नाया था |
1990 में लार्मी के द्वारा बनाया गये खिलोने 10 मिलियन से भी ज्यादा खिलोने बेचे गये थे | क्योकि ये खिलौना बच्चो से लेकर बड़ो तक बहुत अच्छा लगा क्योकि इस खिलोने से बच्चो को कोई नुकसान होने का डर नही था क्योकि इसमें जितने भी कच्चा माल काम में लिया गे था वो सिर्फ प्लास्टिक था | इसलिए ये सिर्फ 2 साल में इतना लोकप्रिय हो गया की अमेरिका के बाद अन्य देशों में भी निर्यात होने लगा और आज की तारीख में देखा जाये तो आज विश्व के हर कोने में आपको पिचकरी देखने को मिल जायेगा |
पिचकारी को होली में क्यों काम लिया –
जैसा मैने आपको ऊपर बताया की ये पिचकारी कोई भी तरल पदार्थ को बाहर फेकने में अच्छे से काम करती है और हमारे भारत देश में होली जेसा त्यौहार कहा मनाया जाता है इससे पिचकारी को इसी त्यौहार में काम में लिया जाने लगा |
बच्चो के लिए गुलाल हाथ में ना देकर उनको एक बाल्टी में पानी डालकर दिया जाता है जिससे वो अपना इस पिचकारी से अपना होली का खेल खेल लेते है |
पिचकारी से प्रेम भावना बढती है –
पिचकारी बच्चो और बड़ो के खेलने के साथ साथ ये लोगों में प्यार का संचार भी बढाती है लोग पिचकारी के जरिये एक दुसरे पर गुलाल से होली खेलते है जिससे उनमे प्रेम की भावना और भाईचारा बढता है | बच्चे पिचकरी से ना सिर्फ होली खेलते है इसका काम कहि वाटर पार्क या गर्मियों का अच्छा खिलौना माना गया है |
पिचकारी से कुछ प्रेम सायरी (pichkari ke bare me janiye)-
“ पहले तुमने रंग डाला , अब मेरी बारी है ,
चारो तरफ रंग ,गुलाल और पिचकारी है ,
होली में सबके चेहरे पर मुस्कान बड़ी प्यारी है ,
आप हमेशा खुश रहे ये चाहत हमारी है ||
2 . पिचकारी से निकलती रंगों की बोछार
उडती अबीर और गुलाल की गुबार ,
अपनों पर बरसवो ढेर सारा प्यार
मुबारक हो आपको होली का प्यारा त्यौहार ||
3 . जीवन भर तेरा साथ चाहता हु ,
इसलिए तो होली पर तेरे ऊपर
पिचकारी से रंग डालता हु “
ये थे कुछ सायरी जो पिचकारी अपना प्यार लोगों तक पहुचने में मदद करती है और पिचकारी हमे ये भी सिखाती है की प्यार और प्रेम से रहिये और मिलजुलकर रहिये |
पिचकारी से केसे खेला जाता है –
दोस्तों हम सब जब बच्चे थे तो पिचकारी को काम में लिया होगा अब जैसे – जैसे बड़े होते गये हमारा पिचकारी से लगाव कम होता चला गया और हम गुलाल को लगाने के तरीके बदल दिए कई लोग तो होली खेलने के तरीको को बदल दिया | पिचकारी का काम आज सिर्फ बच्चो के लिए छोड़ दिया लेकिन में बता दु जो मजा पिचकारी के साथ खेलने का होता है वो मजा होली और तरीके से खेलने में बहुत अलग होता है |
अब पिचकारी से केसे होली खेले तो आईये जानते है आप लोग सबसे पहले एक बाल्टी लो उसमे पानी और गुलाल जो कच्चा कलर हो उसको उस पानी के साथ मिला दीजिये उसके बाद अपनी पिचकारी लो उसको पीछे के हिस्से में खीचने का होता है उसको खिचिये और गुलाल भर लीजिये |
जब आप गुलाल भर लेंगे तब आप उस पिचकरी से अपने साथ की भाई – बहिनों या दोस्तों के उपर उस गुलाल को छोड़ सकते है और ये कुछ दुरी तक आसानी से पिच करेगी और इस तरह पिचकरी के साथ होली खेलने का मजा लीजिये |
लोगों द्वारा पूछे जाने वाली बाते –
पिचकारी किस – किस बनाई जाती है ?
पिचकारी मुख्यत प्लास्टिक , बांस , लकड़ी , पीतल , लोहे से बनाई जाती है |
पिचकारी का अर्थ क्या होता है ?
पिचकारी का अर्थ की किसी एक प्रकार का नलदार पाइप जिसके आगे के शिरे पर छोटे – छोटे छिद्र बने होते है जिससे कोई भी तरह पदार्थ को फुक मारकर या दबाव देकर उस तरल पदार्थ को बाहर फेका जाता है |
पिचकारी से होली ही खेल सकते है ?
पिचकारी से आप होली के साथ साथ जहा वाटर पार्क हो वहा भी इसके मजे ले सकते हो |
Bhut hi badiya btya warna aajkal ke log to inke bare me jante hi nhi
सर आजकल पिचकारी का जमाना तो छोटे बच्चों के लिए रह गया है लेकिन जो पिचकारी के साथ होली खेलने का मजा आता है वो अभी नही आता है । आज का जमाना ऐसा आ गया की पहले के रीति रिवाज सब को भूलता जा रहा है।
Thanks for give best post because now people don’t know pichakari.