त्यौहार और पर्व में अंतर और ये क्यों मनाये जाते है ??

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Tyohaar or praw me auntar: नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में हम जानेंगे की पर्व और त्यौहार में क्या अंतर( tyohaar or praw me auntar)  है अधिकांश लोग इन दोनों शब्दों का अर्थ ही निकालते है की दोनों का अर्थ त्यौहार ही होता है लेकिन आज में आपको इन दोनों शब्दों का अर्थ बताउंगा |

भारत देश में पर्व और त्यौहार सबसे ज्यादा मनाये जाते है क्योकि भारत देश में अलग – अलग समुदाय के लोग निवास करते है और वो लोग अपने समुदाय के हिसाब से त्यौहार मनाये जाते है |

लेकिन कोई भी समुदाय पर्व मनाता नही दिखेगा आपने पर्व के बारे में सुना होगा तो सिर्फ जैसे भारत के पर्व कौन कौन से है वही अपने सुना होगा लेकिन इस लेख को आप ध्यानपूर्वक पढना ताकि आज के बाद में आपको पर्व और त्यौहार (tyohaar or praw me auntar) में अंतर पता चल सके |

tyohaar or praw me auntar
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पर्व क्या है ?

पर्व एक स्थानीय लोगो की मन की आस्था और उनके रीती – रिवाजो से जुड़ा है , यह एक विशेष जाति ,वर्ग या धर्म के लोगों के बीच में मनाया जाता है जिससे हम पर्व कह सकते है |

पर्व और त्यौहार आपस में एक दुसरे के पर्यावाची ही शब्द है | पर्व संस्क्रत शब्द है लेकिन त्यौहार पारसी शब्द है |

पर्व कितने प्रकार के होते है ?

पर्व को यदि हम हमारी भाषा मे देखा जाये तो  इसको 2 ,3 प्रकार से बताया गया है जो इस प्रकार से है

1 . धार्मिक पर्व

2 . स्थानीय पर्व

3 . राष्ट्रीय पर्व  के रूप में विभाजित किया गया है |

धार्मिक पर्व –

धार्मिक पर्व तो किसी विशेष से जुड़ा होता है जिनमे जैसे हम होली , दिवाली , ईद इस प्रकार के त्यौहार को धार्मिक पर्व में जोड़ा गया है |

धार्मिक पर्व के ऊपर मैने पहले ही एक लेख लिखा हुआ है जो इस प्रकार है आप उस लेख को भी पढ़ सकते हो |

स्थानीय पर्व –

इसके साथ ही किसी छेत्र के हिसाब में मनाया जाने वाले जैसे वैशाखी , पोंगल आदि पर्व को स्थानीय पर्व में जोड़ा गया है |

राष्ट्रीय पर्व -(

राष्ट्रीय पर्व का सबंध पुरे एक राष्ट्र से जुड़ा होता है चाहे वो किसी भी छेत्र का हो , चाहे किसी भी समुदाय का हो ,उनको सब प्रकार के लोग माना करते है जिन्हें हम राष्ट्रीय पर्व कहते है |

हमारे राष्ट्रीय पर्व मुख्यत 3 है –

  1. स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त
  2. गणतंत्र दिवस 26 जनवरी
  3. गाँधी जंयती 3 अक्टुम्बर

ये तीनो राष्ट्रीय पर्व होने के साथ राष्ट्रीय अवकाश भी है जिस दिन पुरे भारत देश में अवकाश रहता है और इन पर्व की तैयारी करते है |

1 . गणतंत्र दिवस ( 26 जनवरी ) –

भारत देश में 26 जनवरी को रिपब्लिक डे के रूप में मनाया जाता है इसके मनाने के कारण ये है की हमारा भारत देश बरसो तक अंग्रेजो की गुलामी से 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था और उसके 3 साल बाद भारत में सविधान लागू किया गया था जो डॉ भीम राव अम्बेडकर ने की थी | तब से भारतवासी 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते आ रहे है |

फोटो – istock

26 जनवरी का महत्व भारत देश में –

भारत में 26 जनवरी का बहुत महत्व है इसी दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज्य का ऐलान किया था इसके साथ भारत के जानता को पूर्ण रूप से आजादी से अपनी सरकार चुनने का अधिकार भी दिया गया की वप अपने इच्छा के अनुस्सर किसी भी सरकार को चुन सकती है | इसी के साथ में ये राष्ट्रीय पर्व बहुत धूमधाम पुरे राष्ट्र में मनाया जाता है |

 

2 . 15 अगस्त –

भारत देश का बच्चा – बच्चा इस दिन को जानता है की ये क्यों मनाया जाता है इसी तारीख को क्यों चुना वो समझिये –सन 1930 से लेकर 1947 तक

tyohaar or praw me auntar
फोटो istock

26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था लेकिन इस का फेसला जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में लाहौर में इसकी घोषणा की |15 अगस्त को ही ये दिन क्यों चुना तो इसका कारण ये है की भारत के वाईसराय लार्ड माउन्टबैटन की लाइफ में 15 अगस्त का दिन बहुत ही अच्छा दिन रहा था |

15 अगस्त 1945 के सेकंड विश्व युद के दौरान  ब्रिटिश के सामने जापान की सेना ने घुटने टेक दिए थे | जिसका पूरा श्रेय लार्ड माउन्टबैटन को मिला | बस उसी दिन को इन्होने भारत की आजादी का दिन तय कर लिया की 15 अगस्त से अच्छा कोई और दिन नही होगा और यही हुआ आज 15 अगस्त के दिन ही भारत अपना स्वतन्त्रता दिवस मनाया जाता है |

3 . गाँधी जयंती –

भारत के राष्ट पिता मोहनदास करमचंद गाँधी जिन्हें हम पुरे भारत वासी उनको बापू या महत्मा गाँधी के नाम से जानते है | महात्मा गाँधी जी का जन्म 2 अक्टुम्बर 1869 को गुजरात के पौरबन्दर में जन्म हुआ था इसलिए इसी दिन पर गाँधी जयंती के रूप में माना जाता है |

फोटो – istock

मनाने का कारण –

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने भारत को आजादी दिलाने पर बहुत लम्बी लड़ाई लड़ी थे उन्होंने सही और अहिंसा के अनुसार भारत को आजादी प्राप्त करवाई इसलिए उके जन्मदिन को गाँधी जयंती के रूप में मनाने लगे और तब से लेकर आज भी इसलिए मनाते जा रहे है की युवा और हर व्यक्ति सच्चाई और अहिंसा के रास्ते पर चलकर वो अपने देश के लिए और अपनी लाइफ में आगे अच्छा काम करे |

अब बात करेंगे त्यौहार के बारे में वेसे में आपको इस लेख में त्यौहार के बारे में मुख्य बिंदु बताऊंगा क्योकि मैने एक ल;लेख पहले ही भारत के मुख्यत त्योहारों के ऊपर लिखा हुआ है |

त्यौहार का अर्थ – ( tyohaar or praw me auntar) 

त्यौहार का अर्थ क्या होता है सबसे पहले तो ये जानते है ‘ किसी भी एक निश्चित तिथि , समय , पर मनाने वाला धार्मिक उत्सव को त्यौहार कहा जाता है | त्यौहार मानाने से भाईचारा और प्रेम आपस में बढता है और एक भारत की संस्क्रति को भी दर्शाता है | इसलिए भाररत देश में हर सुमदाय के लोग अपने अनुसार अपना – अपना उत्सव मानते है |

भारत के प्रमुख त्यौहार

 त्यौहार हमारे जीवन में क्या महत्व रखते है ?

त्यौहार हमारे जीवन में बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होते है सबसे पहले तो त्यौहार से भारत की सभ्यता और संस्क्रति को दिखाता है दूसरी चीज त्यौहार हमारे जीवन में ख़ुशी और उल्लास को भरता है |

इन्सान काम करते और कई परेशानियो से घिर जाता है और जब वो किसी उत्सव या त्यौहार को जश्न के साथ मनाता है तो उन परेशानिया से मुक्ति पा लेता है |  त्यौहार आते है तो अपने साथ खुशी लेकर आते है ताकि लोग तनाव से मुक्त हो सके और अपने जीवन को खुशी से जी सके |

इसी वजह से लोग त्यौहार आने से पहले ही इतनी तैयारिया करते है और धूम – धाम से मानते है |

भारत को त्योहारों का देश क्यों कहा जाता है ?

दोस्तों आपने सही पढ़ा की भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है इसके पीछे ये कारण है की भारत में अलग – अलग जाति – वर्ग , धर्म , समुदाय के लोग निवास करते है जिनकी भारत सरकार ने छुट दे रखी है की आप अपने धर्म के अनुसार अपना त्यौहार को मना सकते हो और इसके साथ जो बड़े मुख्यत भारत के त्योहारों में गिना जाता है वो सभी भारतीय मानते है और ये त्यौहार ही भारत के सभी लोगों को आपस में जोड़ते है और प्रेम भावना रखते है |

  त्योहारों से हमे क्या सिख मिलती है ?

त्यौहार के बारे में जैसे मैने ऊपर बताया की त्यौहार हमारे लिए क्यों जरुरी है फिर भी त्यौहार इंसान को कुछ नया करने की इच्छा व्यक्त करवाता है जैसे आप जानते होंगे की भारत के सभी राज्य के एक मुख्य त्यौहार होता है उसकी तेयारिया 1 महीने से पहले ही शुरू कर देते है लोग आपस में पूछते है की कैसे इस त्यौहार को मनाया जाये |

इससे एक तो इन्सान तनावमुक्त हो गया क्योकि वो सभी परेशानिया भूलकर इस त्यौहार में लोगों के साथ शामिल हो गया दूसरी बात जब लोग आपस में एक साथ बैठेंगे तो भाईचारा और प्रेम बढता है इसलिए त्यौहार का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्पूर्ण है |

सार – 

दोस्तों इस लेख में मैने आपको त्यौहार और पर्व में  ( tyohaar or praw me auntar ) क्या अंतर होता है वो मैने अच्छे से समझाया है ताकि अब आपको त्यौहार और पर्व को समझने में कोई दिक्कत ना आये |

 

मेरा नाम गणेश चौधरी है। मैं आपको हिंदी में ब्लॉगिंग के माध्यम से टेक्नोलॉजी, करंट अफेयर्स, आदि के बारे में जानकारी देता हूँ। दिल की गहराइयों से एक बार फिर आपका स्वागत है। शुक्रिया

2 thoughts on “त्यौहार और पर्व में अंतर और ये क्यों मनाये जाते है ??”

  1. Sir hum to prw or festival dono ko ek hi smja krte the lekin shi me dono me to different hai. Aap ese hi knowledgeable baate likha kro.

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