लकवे को मात्र 7 परिक्रमा से ही दिलाये मुक्ति Butati Dham Mandir Rajasthan
आज आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहा हु जो ( Butati Dham Mandir Rajasthan ) राजस्थान राज्य के नागौर ज़िले के कुचेरा कस्बे के पास बूटाटी धाम के नाम से मंदिर बना हुआ है इस मंदिर को लखवे के नाम से जाना जाता है |जी हां ये सच है की जिस लखवे की बीमारी का इलाज आज तक डॉक्टर्स से नही हुआ है वो मरीज इस मंदिर में केवल 7 दिन में एकदम ठीक होकर घर लोटता है | है ना हैरान कर देने वाली बात तो आईये दोस्तों आज इस मंदिर की सारी इतिहास की जानकारी करेंगे | दोस्तों में आपको भी बता देता हु यदि आप के परिवार में कोई भी इंसान लखवे की बीमारी से पेरशान है तो आप बिना डॉक्टर्स के पास जाइए सीधा बूटाटी धाम 7 दिन वहा रहकर दर्शन करिये आप या आपके परिवार के इंसान को वो बीमारी हमेशा के लिए दूर हो जाइएगी |
Butati Dham Mandir Rajasthan
दोस्तों बूटाटी धाम एक नागौर जिले के गाव का नाम है जो राजस्थान राज्य में स्थित है | बूटाटी धाम नागौर जिले से मात्र 52 किलोमीटर की दुरी पर है | बूटाटी धाम को यहाँ चतुरदास जी महाराज के मंदिर नाम से प्र्शिद है जिससे राजस्थान के अलवा अन्य राज्य और पुरे देश के लोग जानते है | बूटाटी धाम मंदिर में महाराज चतुरदास जी महाराज ने जिंदा समाधि लिए थे उसी समाधि के उप्पर बूटाटी धाम मंदिर का निर्माण किया गया | बूटाटी धाम लकवा के नाम से जाना जाता है यहाँ पर देश विदेश के लोग यहाँ 7 दिन के लिए आते है और 7 दिन की परिक्रमा पूरी करते है और लकवे से ठीक होकर ख़ुशी -खुशी अपने घर लोटते है |
बुटाटी धाम क्यों प्रसिद्ध है?
बुटाटी धाम सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है जो लकवे के इलाज के लिए जाना जाता है। यह श्री चतुरदास जी महाराज के चमत्कारों के लिए भी जाना जाता है । ऐसा माना जाता है कि श्री चतुरदास जी महाराज ही इस रोग का इलाज करते हैं। यह उन लोगों के लिए एक जादुई जगह है जो भगवान में विश्वास करते हैं और शांतिपूर्ण जगह की तलाश में हैं। एक बार जब आप इस स्थान पर जाएँ, तो बुटाटी धाम आरती के दर्शन करें । आप धन्य और प्रसन्न महसूस करेंगे।आप लकवे से ग्रषित है तो आप इस धाम में 7 परिक्रमा जरुर लगाकर आए |
बूटाटी धाम मंदिर में जाने के लिए बस – ऑटो , कार और अन्य प्राइवेट साधन उपलब्ध है
जयपुर से बूटाटी धाम की दुरी – 233 .6 किलोमीटर वाया जयपुर -जोबनेर -कुचामन -नागौर मार्ग |
अजमेर से बूटाटी धाम की दुरी – 110 .1 किलोमीटर वाया सरदारशहर -अजमेर मार्ग | और वाया NH 58 |
जोधपुर से बूटाटी धाम की दुरी – 152 किलोमीटर वाया कुचेरा -शंखवास -जोधपुर रोड |
दिल्ली से बूटाटी धाम की दुरी – 462 किलोमीटर वाया NH 334 B |
मुंबई से बूटाटी धाम की दुरी – 1092 किलोमीटर वाया NH 48 |
आगरा से बूटाटी धाम की दुरी – 496 किलोमीटर वाया NH 48
इसके अलावा अन्य राज्य के लिए आप गूगल मैप की सहायता से आप बूटाटी धाम जा सकते हो | आप अपना निजी या प्राइवेट साधन से आप जा सकते हो सभी मार्ग अच्छे बने हुए है |
लकवे की बीमारी से निजात पाने का तरीका –
दोस्तों मेरी इस पोस्ट के अलावा भो लोग बूटाटी धाम के बारे में जिक्र कर चुके है और इस मंदिर की बहुत बार जाच -पड़ताल भी की गयी की आखिर इस मंदिर में ऐसा क्या चमत्कार है जिससे डॉक्टर्स लकवा की बीमारी को ठीक नही कर सके लेकिन इस मंदिर में सिर्फ 7 की परिक्रमा पूरी करने से ठीक हो जाती है |
इस चमत्कार को जानकर वो भी हैरान है की आखिर ये केसे सम्भव है की विज्ञान से ये बीमारी ठीक नही हो पाती है और यहाँ परिक्रमा लगाने से ठीक हो जाती है | तो मै बता देता हु की चारण कुल में जन्मे लगभग 550 वर्ष पहले संत चतुरदास जी यहाँ पर निवास करते थे | जो एक महान संत के नाम से जाने जाते थे वो अपनी महान सिद्धयों से लकवे से पीड़ित मरीज को उस बीमारी से मुक्त करते थे और आज भी उनकी समाधि पर सात फेरी मारने के बाद मरीज को लकवे की बीमारी से निजात मिलता है |
और जब लोग इस बीमारी से मुक्त होने लगे तो राजस्थान के ही नही धीरे -धीरे अन्य राज्य से लोग आना शुरू किया फिर भारत के ही नही विदेश से भी लोग आना शुरू किया और वो पुरे ठीक होकर ही घर लोटते है |बूटाटी धाम में हर माह की शुक्ल पक्ष की द्वादशी को बहुत बड़ा मेला लगता है इसके अलावा बैशाख , भाद्रपद और माघ माह में बहुत बड़े मेलों को आयोजन होता है |
कहा जाता है की बूटाटी ग़ाव की 1600 ई. में हुई थी और पुराणिक मान्यता के हिसाब से और वहा के बुजुर्गो का कहना है की बुरा लाल शर्मा नामक एक पंडित ने बूटाटी गाव की बसावट शुरू की थी | बूटाटी धाम मंदिर बूटाटी गाव के पश्चिम दिशा में संत श्री चतुरदास जी महाराज का मंदिर है |
बुटाटी धाम मंदिर मेला –
बुटाटी धाम स्थान में हर महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को यहाँ विशाल मेले का आयोजन किया जाता है इसके अलवा आपको यहाँ वैशाख , भादो और माघ महीने में पुरे महीने के विशेष मेलों का आयोजन होता है |
बाबा श्री चतुरदास जी महाराज आरती
आरती बाबा श्री चतुरदास जी महाराज की ॥
बाबा श्री चतुरदास जी महाराज की
ॐ जय चतुरदास हरे, स्वामी जय चतुरदास हरे।
संत कृपा से जग में, तन मनपी टरे।। ॐ ।।
चारण कुल कविता शाखा, संता जनम लियो ।
जगत असार लगा बचपन से, वैरागी पंथ लियो ।। ॐ ।।
बुटाटी तव धाम उजागर, आगत रोग झरे।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, तिनके काज सरे ।। ॐ ।।
वात व्याधि निवारक स्वामी पक्षाघात हरे ।
फेरी सात सफल दुःखहारी, जनमन मोद भरे ।। ॐ ।।
त्र मंत्र सिद्ध बढ़ ज्ञानी, जन मन सुखदाता।
मृत्यु प्राप्त गौ जीवित कर दी, जय-जय जीवन दाता ॥ ॐ ॥
एकदशी द्वादशी धवली, कार्ति मास परे।
दो दिन का मेला मन भावन, मनसा पूरी करे ।। ॐ ।।
यह आती स्वामीजी की, प्रेम सहित गावे ।
” श्री राम” सदा सुख पावे, कर्म सुधर जावे ।। ॐ ।।
खाटू श्यामजी की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में : History of Khatu Shyamji Mandir Rajasthan in Hindi
विदेशो से आते है लोग –
बुटाटी धाम समिति के अध्यक्ष शिव सिंह का कहना है की धाम में अमेरिका , ऑस्ट्रेकिया , अफगानिस्तान जैसे देशो से भी लोग यहाँ अपने लकवे की बीमारी को ठीक होने के लिए आते है | उन्होंने कहा की बुटाटी धाम स्थान समिति की तरफ से इस का प्रचार – प्रसार नही करते है लेकिन लोगो के जरिये ही एक दुसरे को पता चलता है पिछले कई सालों सी लोग अपना आस्था के कारण यहाँ आ रहे है |
बुटाटी धाम मंदिर समिति द्वारा प्रदान की जाने वाली निःशुल्क सुविधाएँ:
बूटाटी धाम में आने वाले पीड़ित और उसके परिजन के लिए खाने -पिने , रहने , सोने , नहाने की सुविधा बिलकुल फ्री में दी जाती है | पीड़ित को सिर्फ अपना कार्ड बनवाना पड़ता है जिससे 7 दिन के लिए बनाया जाता है उस कार्ड में पीड़ित की बेसिक सी जानकारी भरकर देते है |पीड़ित वहा पर सिर्फ 7 दिन से ज्यादा रुकता नही है क्योकि 7 दिन की परिक्रमा पूरी करते – करते उसकी बीमारी में सुधार हो जाता है जिससे पीड़ित खुद वहा से आ जाता है |
बूटाटी धाम मंदिर परिसर के बाहर 150 से भी ज्यादा दुकाने बनी है | यहाँ पर श्रदालु के अनुसार खाना – पीना , खाना बानने के बर्तन , नहाने -धोने की सुविधा , सोने के लिए बिस्तर आदि सुविधाए प्रदान करवाते है |
- बुटाटी धाम में आए हुए यात्रीयो को फ्री में खाने की सामग्री दी जाती है।
- यात्रियों के लिए रहने, सोने, कि सुविधा एक दम फ्री में दी जाती हैं।
- बूटाटीपरिक्रमा लगाने आए यात्रियों को ओढ़ने और बिछाने के लिए फ्री में कंबल दी जाती है |
- जो मरीज़ को चलने में परेशानी आती हैं उसके लिए व्हीलचेयर दिया जाता है।
बूटाटी धाम मंदिर में आये गये मरीज और उनके साथ आये परिजनों की व्यस्था मंदिर की एक समिति बनाई गयी है जो मंदिर की हर एक चीज का ध्यान रखती है और उसको सुचारू रूप से चलती है | बूटाटी धाम में एक ट्रस्ट बनाया गया है जिसमे 50 सदस्य और एक अध्यक्ष बना हुआ है जो इसकी देखभाल करते है ताकि आये हुए मरीज और परिजनों को कोई पेरशानी ना हो |
सत परिक्रमा क्या है –
बूटाटी धाम में लोग अपने लकवा की बीमारी से परेशान होकर यहाँ आते है और 7 दिन तक यहाँ रहते है | सत परिक्रमा का अर्थ है की लोग 7 दिन यहाँ निवास करते है और सुबह 5 बजे मंदिर के बाहर एक चक्कर लगते है और अपने शरीर पर मंदिर की भभूती लगते है और शाम के समय में मंदिर के अंदर चक्कर मारते है तब जाकर एक परिक्रमा पूरी मानी जाती है और ऐसे मरीज को 7 दिन यहाँ पर ही रहकर 7 परिक्रमा पूरी करनी होती है जैसे – जैसे परिक्रमा पूरी होती जाती है वेसे -वैसे मरीज को फायदा होता है और वो 7 दिन की परिक्रमा पूरी करते तब तक वो लकवा बीमारी से निजात पा लेता है
बूटाटी धाम स्थान Butati Dham Mandir Rajasthan –
बुटाटी धाम स्थान: मंदिर रोड, बुटाटी,
राजस्थान 341514 बुटाटी धाम संपर्क नंबर: 09511559947
Jobner Jwala Mata :- जोबनेर ज्वाला माता का सम्पूर्ण इतिहास की जानकारी हिंदी में
FAQ – Butati Dham Mandir Rajasthan
बुटाटी धाम स्थान कहा पर है ?
बुटाटी धाम राजस्थान में नागौर से 50 किलोमीटर दूर अजमेर – नागौर मर्ग पर कुचेरा कस्बे में स्थित है जिससे चतुरदास जी महाराज के नाम से जाना जाता है |
बुटाटी धाम स्थान क्यों इतना प्रसिद्ध है ?
बुटाटी धाम मंदिर चतुरदास महाराज के नाम से जाना जाता है इस धाम की मान्यता है की इस मंदिर में 7 दिन तक आरती परिक्रमा कररने से लकवे की बीमारी से इंसान ठीक होता है |
is mandir me shi me lkwe ki smshya dur ho jati hai yadi koi 7 days ki orikrma puri krta hai to .
Butati dham shi me bhut kmal ka hai jaha lakhwe ki bimari dur hoti hai .
Jai ho prbhu . Ye Uttar prdesh se kitna dur hoga sir
Aap google map me search kriye . Butati dham mandir nagour rajasthan .
Really lakhwe ki problem dur ho jati hai .sir hmm jaruri darshan krenge
yes sir .
sir aapne ye shi batya is post ke jariye butati dham me shi me lakhwe ki bimari dhere dhere thik ho jati yadi koi person waha rhker reguller 7 days ki parikrma puri kr leta hai to . aap sir really bhut accha kam kr rhe ho . i haapy with your work .
Thanks sir aapne is mandir ka jikar kiya taki jin logo ko lakhwe ki bimari hogi wo kam se kam waha jaker apni bimari ko dur kr skte hai .
Me sabhi ko yhi khna chaungi ki yadi aaap ke pariwar or ya aapke phchan ke logo me is bimari hai to aap bina doctors ke pass le jaiye shide butati dham lekar jaiye or unke sath rhker 7 din ki parikrma ko puri krwaiye .
Thanks sir for u information
Welcome sir
Sir ye mandir me 7 din se jyada nhi rh skte kya .
Suna to sir hmne bhi yhi hai ki 7 days me lakhwe se thik ho jata hai insaan .
Sir is mandir ke bare me kisse contant kre .ya fir google map ke hisab se direct chle jaye
Use the google map .
Butati dham Rajasthan ek esa mandir hai jaha india se hi nhi out of India ke log bhi aate hai or apni lakhwe ki bimari ka nijat pate hai
Yes Mem .